योग गुरु योगी अश्विनी ने कहा कि योग एक्सर्साइज़ से अलग है| आसन आसन होता है और एक्सर्साइज़ के स्टेप्स अलग होते हैं| योग को योग की तरह से करेंगे तभी वो फायदा देगा, योग को एक्सर्साइज़ की तरह से करेंगे तो ये नुकसान ही देगा| योग तभी फायदा देता है जब वो गुरु के सानिध्य में हो|
विश्व योग दिवस पर शुभपूजा ने योगी अश्विनी से योग पर खास बातचीत की..
जीवन में दो ही चीज़े होती हैं- एक प्रकृति और एक विकृति| जब हम विकृति की तरफ जाते हैं तो शरीर और बुद्धि दोनों ही खराब होते हैं परंतु जब हम प्रकृति की तरफ जाते है तो बुद्धि का विकास होता है और शरीर स्वस्थ होकर बैलेंस रहता है| विकृति से प्रकृति की तरफ जो प्रक्रिया ले जाती है उसे ही योग कहते हैं| योग एक बार जिसकी समझ में आ जाए फिर वो बीमार नहीं हो सकता|
ये हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ये है कि योग हमेशा गुरु के सानिध्य में ही करें| आपका गुरु आपको बेहतर जान सकता है कि आप कितनी देर योग करें| वो 5 मिनट के योग में ही आपको वो असर दिला सकता है जितना आप खुद से 5 घंटों में भी हासिल न कर पाएं| ये आपके और आपके गुरु के बीच संबंध पर भी निर्भर करता है| एक बार फिर कहूंगा कि योग गुरु होता है और गुरु ही योग होता है इसलिए योग हमेशा गुरु के सानिध्य में ही करें|
योग में न तो कोई रीति रिवाज़ होता है और न ही लाइफ स्टाइल; न तो आर्ट होता है और न ही योग का कोई धर्म होता है| ना तो इसमें किसी देवी-देवता को मानना है और न ही खान-पान का कोई प्रतिबंध करना है| योग आपको मुक्त करने के लिए है और आप गुरु के बताए रास्ते पर चलते हुए किसी भी वक्त योग कर सकते हैं| ये सब बातें सामान्य लोगों के लिए हैं लेकिन जैसे-जैसे आप योग में आगे बढ़ेगे तो प्रतिबंध भी लागू होने लगेगे हालांकि ये प्रतिबंध जबरन नहीं होते| लेकिन योग आप मे इतनाबस जाता है कि जो आपके लिए सही नहीं होता वो आप खुद से ही छोडऩे लगते हैं| इसमें न तो वक्त का कोई बंधन है और न ही डाइट का कोई प्रतिबंध|
ये सब व्यक्तिगत कारण हैं और इनका समाधान भी व्यक्तिगत ही है| आमतौर पर ऐसी बीमारियां गलत लाइफ स्टाइल के कारण ही होती हैं जिनका उपचार भी योग में जल्दी ही हो जाता है|
योग में किसी बीमारी का वर्णन नहीं है, सिर्फ प्रकृति और विकृति का ही वर्णन है| आप जब प्रकृति के साथ चलते हो तो कोई बीमारी आपको हो ही नहीं सकती; आप अपनी इच्छा से ही शरीर छोड़ोगे| हमारे पास योग करने वाले हर प्रोफेशन के लोग हैं जिनमें जज, वकील, चार्टेड एकाउंटेंट, स्टूडेंट्स और आदि है| इनमें से अब कोई बीमार नहीं होता क्योंकि वो सब प्रकृति के साथ चल रहे हैं| हां जिनको ये बीमारी हो चुकी है उनका भी उपचार योग में ही संभव है|
तनाव से मुक्ति भी योग में सौ फीसदी संभव है| योग आपको सच्चाई दिखाता है कि आपकी असलियत क्या है| जब आपको समझ में आता है कि ये संसार नश्वर है तो आपको तनाव से भी निजात मिल जाता है| आपको पढ़ लिखकर नहीं बल्कि गुरु के सानिध्य में योग करते हुए खुद ही ये अहसास हो जाता है|
जैसा पिछले साल योग दिवस पर हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि योग को माया से दूर रखें और योग गुरु के सानिध्य में ही करें, मैं भी यही कहना चाहता हूं कि सही योग करें और गुरु के सानिध्य में करें| गुरु भी वो हो जो माया से परे हो|